बीते लम्हों को कैसे लिखें, पल भर की खुशियों को कैसे लिखें,
जो ख्याल, ख्यालों से भी डरते हैं , बताइए उन ख्यालों को कैसे लिखें,
सब कुछ लिखना चाहते हैं, पर छुपाये है सदियों से,
कुछ जटिल हैं, कुछ कुटिल हैं, अंधरे में बैठे है,
कुछ हया है, कुछ हकीकत नही है, हलोगेन गुब्बारों की तरह इंतजार कर रहे हैं,
ख्याल खुलना चाहते है, ब्रह्मण में अपनी जीवनी लिखना चाहते हैं,
बंधे है कलम से,बंधे है जिस्म से,
क्या करें इजाज़त के स्याही नही है......
जो ख्याल, ख्यालों से भी डरते हैं , बताइए उन ख्यालों को कैसे लिखें,
सब कुछ लिखना चाहते हैं, पर छुपाये है सदियों से,
कुछ जटिल हैं, कुछ कुटिल हैं, अंधरे में बैठे है,
कुछ हया है, कुछ हकीकत नही है, हलोगेन गुब्बारों की तरह इंतजार कर रहे हैं,
ख्याल खुलना चाहते है, ब्रह्मण में अपनी जीवनी लिखना चाहते हैं,
बंधे है कलम से,बंधे है जिस्म से,
क्या करें इजाज़त के स्याही नही है......
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Cheers vj