मोहर को स्याही मिल जाये
शोहर को दिलकशी
ज़िन्दगी में इससे यादगार कोई समां नहीं
क्यों चंद्र बिंदु में चंद्र खिलता है ?
क्यों मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता है ?
किसी का वास्ता हो तो... किसी की खबर नहीं
खबर नहीं
शब् में गुलाब खिल जायेंगे
रातों रातों ख़िताब मिल जायेंगे
पर जब तुम्हे ढूंढा
तिनके तिनके को तुम्हारी खबर नहीं खबर नहीं
विश्वास न करें, तकल्लुफ में ना पड़ें
हमें मुलाकात का सबर नहीं, सबर नहीं
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